Friday, January 10, 2014

सत्तू तीज की कहानी








एक साहूकार थो | उसका सात लड़का था | भादो को महीनो आयो | अधियारो पखवाड़ों आयो सातुड़ी तीज को दिन आयो | उस दिन बहु ने खड़ा नीम की पूजा करी तो उसको आदमी मर गयो | दुसरा  |बेटा   की शादी करी और बहु ने खड़ा नीम पूज्यो उसको भी आदमी मर गयो |इस प्रकार छ: बेटा तो मर गया सासु बोली कि अब तो बेटा को ब्याह नही करा म्हारे तो सब |बेटा मर गया एक को तो रहने दो तो साहूकार बोल्यो कि अब अच्छी पढ़ी लिखी बहु लायगा उसकी भी शादी करी तीज को दिन आयो सासु बोली कि हम तो सब खड़ा नीम की पूजा करा तो बहु बोली कि मै तो कोई  खड़ा नीम नही पूजू म्हारे पीयर में तो भीत पर नीम कि डाल गाढ़ देवे और उसकी पूजा करे बहु ने दीवार पर नीम मांडकर पूजा करी तो उसका छ:जेठ जिन्दा हो गया |उसी दिन वा सब जिठानी को बुलाकर लाई और बोली की चलो पिंडा पासो तो वे बोली की कायका पिंडा पासा पासने वाला तो मर गया तो बहु बोली सब जिन्दा हो गया सब जनीआई और सबने पूजा करी पिंडा पास्या और अरग दियो |गाँव में ढिढोरो पिटवा दियो कि अब सब जनी दीवाल पर नीम की डाली गाड़ कर पूजा करे |                       

1 comment:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 03 अगस्त 2019 को लिंक की जाएगी ....
    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!

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