Friday, January 10, 2014

पथवारी की कहानी


एक डोकरी थी | वा पथवारी माता पथ  की  दाता डोकरी को रूप धरकर आई और रास्ता में बैठी थी उधर से दो बंजारा की  बालद आई  तो एक कि  बालद में खांड  खोपरो और दुसरा  की बालद में लुनतेल | तो पथवारी माता ने पूछ्यो कि थारी  में  कई है खांड  खोपरो  वाली ने लुनतेल बतायो और  लुनतेल वाली ने  खांड  खोपरो बतायो   अब दोनों की आपस में बालद  बदल गई अब वे लड़ते लड़ते राज में पहुची कि राजाजी हमारी दोनों की बालद  बदल गई अब कई होवेगा |
     तब राजा ने कीयो कि तुम्हारे कोई रास्ता में मिल्यो थो कई तो बोले  हा राजासाहेब एक डोकरी मिली थी तो वे बोले कि अब तुम उसी का  पास जाओ वाही तुम्हारी निकाल करेगी वे दोनों उस डोकरी का पास गई तो डोकरी बोली की तू झूठ बोली थी इसलिए जिसके जैसी इच्छा थी वैसो काम हो गयो अब इसमे म्हारो कई दोष है |तो अब माता कैसे कई हो वेगो तब पथवारी माता ने अपनी अपनी बालद जैसी थी वैसी करदी | अधूरी होय तो पूरी |करजे पूरी होय तो मान करजो |  

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