Saturday, June 15, 2019

नाग पंचमी की कहानी

एक साहूकार थो ।उसके सात लड़का और सात बहुआ थी उनमे से छे के तो पियर थो और सबसे छोटी बहु का पियर नहीं थो अब सावन को महीनो आयो और नाग पंचमी को दिन आयो अब सब बहुो तो पियर गई पर छोटी बहु पियर नहीं गई वा घर पर उदास बैठी थी, वा मन में सोच रही थी म्हारे पियर नहीं है | हे नाग देवता  म्हारे भी पियर दीजो, इतना कहते ही नाग देवता ने दया करी, नाग ब्राह्मण को  रूप धरकर उसके घर आये और उसके ससुरजी से बोल्ये की में आपकी छोटी बहु को भाई हु इतना दिन तो में विदेश में रहतो थो कोई एक दूसरा के नहीं पहचाने में वह आयो तो तब मालूम पड्यो की म्हारी बहना यहाँ रहवे में उनके लेने आयो हु तब उसका ससुरजी ने छोटी बहु के उसके साथ भेज दी । अब बहन मन में विचार करे की भाई म्हारे कहाँ  ले जावे गा  अब नाग देवता को घर को रास्तो आयो और उसने एक दम नाग को रूप धारण कर लियो । अब व बहन डरने लगी ,तब नाग देवता बोल्या की तू  डर मत तूने म्हारे याद करयो , तभी में थारे लेने आयो हु म्हारी  पूछ पकड़ कर म्हारे पीछे पीछे आजा औ
     नाग देवता घर गया और ओरत से बोल्या की म्हारी बहन है , इसके अच्छी तरह से रखजो , दुःख मत दीजो ।अब  बहन वाह पर रहने लगी अब एक दिन नागिन को जापो हुआ और वा बहन दिवलो लेकर उसके पास देखने गई तो डर के मारे दिवलो हाथ से गिर पड्यो तो नागिन के बच्चा की पूछ जल गई तो नागिन को बहुत गुस्सा आयो , तो व अपने आदमी से बोली की आपकी बहन के सुसराल भेज दो तो नाग देवता ने उसको बहुत सो धन देकर अच्छी तरह से बिदा करी  जब से उसका पियर हो गया और उसको लड़का मस्ती बहुत करते थो तोड़ फोड़ भी बहुत करतो थो तब जेठानी देरानी ताना मारती की थारा  नाना मामा   तो बहुत लखपति है सोना रूपा को ही सामान दे तो उसका भाई भतीजा सुनता और माँ से बोलता तो माँ सभी सामान भेज देती और वे ऊपर से सभी सामान पटक देता माँ बोलती बेटा मत जाया करो बस वा तो नाग पंचमी का दिन दीवाल पर नाग देवता का चित्र मांडकर पूजा करती भोग लगती और प्रार्थना करती है । 
 नाग देवता म्हारेजैसा भी खांडा बांडा भाई भतीजा होवे उनके राजी ख़ुशी रख जो । है नाग देवता उसके पियर दियो ऐसे सबको दीजो   
       




      
 

नाग पंचमी की विधि

यह लगते सावन पंचमी का दिन है । इस दिन सब नाग की पूजा करे ,नाग को दूध पिलावे , दीवाल पर नाग मांडे और पूजा करे