Wednesday, January 22, 2014

भाई दूज की कहानी

सात बहन का बीच मे एक भाई थो अकेला होने के कारण उसके सब प्यार से रखते थे सब बहनो  कि शादी तो बहुत दूर- दूर हुई पर एक छोटी बहन  कि शादी पास में  हुई |अब उस लड़का कि सगाई हो गई और शादी को समय आयो तो माँ ने अपना बेटा से कहा कि बेटा जा सब बहनो को बुलाकर ले आ तब उसने माँ से कहा कि माँ में अकेला हूँ इतनी दूर दूर कैसे जाऊ तू तो रहने दे छोटी बहन पास मे ही है अपन उसको ही बुला लेगे | इतनो सुनते ही माँ भी राजी हो गई |
अब वह छोटी बहन को लेने गयो तो उस दिन भाई दूज थी बहन दरवाजा पर भाई कि मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करने लगी |उसने भाई को आते देख लिया पर पूजा छोड़ना उचित नही समछा | भाई चुपचाप उसकी गतिविधि  देखतो रयो अब पूजा खतम हुई तब बहन ने भाई से कहा भैया माफ करना मे आपके पहचान नही पाई दोनों भाई बहन भीतर गये और बातचीत करने लगे सबका आपस में हाल चाल पूछने लगे अब वा तो भाई को देख ख़ुशी से फूली नही समाई | नया नया  पकवान बनाकर भाई को खिलाया |
भाई ने बहन से कहा सुबह आप को चलना है मेरे साथ मेरी शादी है बहन ने कहा आज तो आप जाओ मे कल आजाऊॅगी | तुम्हारे लिए लड्डू बनाये है ये लेते जाओ | जब वो जाने लगा तो थोड़ी दूर गया कि उसके समझ मे आयो  उसने पीछे से लड्डू देखे तो आटा  का अंदर साप  का कण   पीस गयो | वह तो देखते से ही दौड़ी और भाई का प्राण बचा लिया | इसलिए बहन भाई कि और भाई बहन क रक्षा करे है | और यह  त्यौहार मनाते है |

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