आड़ी-बाड़ी सोना कि बाड़ी , जीमे बैठी कान कुमाड़ी,
कान कुमाड़ी काई मांगे ,छतीस ही करोड़ देवता की |
बाडीजी सिया काई होवे अन्न होय ,धन होय, लाज होय ,
लक्ष्मी होवे , बिछड्या न मेलो होय , निपुत्र ने पुत्र होय
सासू को पुरसन , बहू को जीमन , उठ भाई तपसी जीम भाई लपसी
भाई को थान,भाभी को मान थारे थारी बार्ता को फल
और मारे बरत को फल |
कान कुमाड़ी काई मांगे ,छतीस ही करोड़ देवता की |
बाडीजी सिया काई होवे अन्न होय ,धन होय, लाज होय ,
लक्ष्मी होवे , बिछड्या न मेलो होय , निपुत्र ने पुत्र होय
सासू को पुरसन , बहू को जीमन , उठ भाई तपसी जीम भाई लपसी
भाई को थान,भाभी को मान थारे थारी बार्ता को फल
और मारे बरत को फल |
क्या आप मुझे पूरी कहानी लिखी हुई भेज सकते हो
ReplyDeleteAadi baadi puri likhi wi chaiye
DeleteAAP ko kyo chahiye aap kya krti hai
Deletehttps://www.bhaktigatha.com/aadi-wadi-sona-ri-wadi
Deleteआपको यहां पूरी कहानी मिल जाएगी
कोन सी कहानी भेजनी है
ReplyDeleteAadi Wadi Dasha Mataji ki puri Hindi me likhi hui kahani bhejiye please!
ReplyDeleteBahut bahut abhar. Rajasthan ki katha ka vistar karne ke liye apka abhar.
ReplyDeleteAadi waadi puri katha bhej sakte hai please. Meri email id pritivjoshi@gmail.com
ReplyDeletePuri katha bheje
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