चांदा हेलो उगियो, हरिया बास कटाय
साजन उबा बारने, आखा पाती लाय,
काये केरो दिवलो, काये केरी वात
सोना केरो दिवलो रूपा केरी बात
कोन सजायो दिवलो कोन सजाई बात
में पनोती संजोयी, दिवलो संजोई बात,
पिलो उड्यो आपके, मी जिमयो बाद के,
मई चोथ को चाँद, देखता जिओ बीर भरतार |
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