भादो के महीना मे ( कृष्ण पक्ष ) बछ बारस का दिन आया उस दिन सास गाय चराने जंगल में गई और बहू से बोल गई की तु गेहूँ मूंग को खिचडो बना लिजो अब बहू को समझ में नही आया और उसने गाय के दो बछडो के नाम भी गूगला और मूगला था वह समझी इनको ही बनाना है तो उसने उनको ही खाण्ड कूटकर बना लीया । अब शाम को सास घर पर आई तो उसने पूछा बहू गूगलो मूगलो बना लीयो हाँ बना लीयो बहू बोली सास ने हाण्डी घोल कर देखी तो घबरा गई और बोली बहू तुने ये क्या किया उसने हाण्डी उठा कर गडडो खोद कर गाढ दीयो और भगवान से प्रार्थना करने लगी की इन बछडो को जिन्दा कर दो अब गाये ने बछडो को बुलाने लगी झट वो बछडे गडडे मे से दौडकर गाय के पास आ गये और दूध पीने लगे इस लिये बछ बारस के दिन गेहूँ और मूगँ नही खाते है और गाय बछडे की पूजा करते हैं
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