Tuesday, May 19, 2015

श्री पार्वतीजी की आरती

जय श्री पार्वती माता जय श्री पार्वती माता
ब्रम्हा सनातन देवी शुभ फल की दाता ।
अरिकुल पदम विनासनि निज सेवक त्राता
जग जननी जगदम्बा हरि हर गुण गाता । जय
सिंह को वाहन साजे कुण्डल हैं साथा,
देव वधु जह गावत नृत्य करत ताथा । जय
सतयुग रूपशील अतिं सुन्दर नाम सती कहलाता
हेमांचल घर जन्मी सखियन संगराता । जय
शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्थाता,
सहस्त्र भुज तनु धरिके च्रक लियो हाथा । जय
सृष्टि रूप तब ही जननी शिव संग रंगराता
नन्दी भृगीं बीन लही सारा जग मदमाता । जय
देवन अरज करत हम मन चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंग राता । जय
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता
सदा सुखी नित रहता सुख सम्पति पाता ।जय


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