Sunday, April 20, 2014

विनायकजी की कहानी

एक राक्षस था वह सभी मनुष्य को बहुत दुख देता था कही भी यज्ञ , दान , धर्म नही करने देता था सब लोग बड़ी तकलीफ में था सबने मिलकर गणेशजी की आराधना करी , तब गणेशजी बोले क्या बात है ? सब लोग इतना दुखी क्यों है ? तब सब बोले की राक्षस बहुत  दुख देवे है , इसको पाप भी कटनो है  राक्षस  ने मारने के लिए गणेशजी ने लड़ाई करी है | लड़ता लड़ता  राक्षस   मर गयो और गणेशजी लड़ता -लड़ता खूब गर्म हो गए तो सब घबराने लगे तो गणेशजी ने सबको समझाया और अपना असली रूप दिखाया तो सबने गणेशजी के हाथ जोड़े और गणेशजी की पूजा करी | गणेशजी बहुत प्रसन्न हो गए | सबने सुख - शान्ति हुई है |

गणेशजी महाराज कहता सुनता हुंकार भरता अधूरी होय तो पूरी करजो पूरी होय तो मान करजो |

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